*कृषि आधुनिकीकरण पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न*

अरबिद बिशेन 



पं0 केशरीनाथ त्रिपाठी ने वैज्ञानिकों को किया सम्मानित
इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग में चल रही ''सतत वैश्विक विकास के लिए बदलते जलवायु परदिृश्य में कृषि के आधुनिकीकरण'' विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन रविवार को हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल पं0 केशरी नाथ त्रिपाठी रहे।  उन्होंने जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए वैज्ञानिकों से आवाहन किया। उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को बेहतर भविष्य देना चाहते हैं तो एक साथ मिलकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपना योगदान दें। मुख्य अतिथि ने 11 यंग साइंटिस्ट अवार्ड, 5 लाईफटाईम अचीवमेन्ट अवार्ड, बेस्ट पेपर अवार्ड से विजेताओं को सम्मानित किया।
नाईजीरिया के मो0 आउर अहमद ने भारत के किसानों की आय दोगुना करने हेतु विभिन्न व्यवहारिक सुझाव दिये।
इण्डियन फारेस्ट सर्विस के डा. जे.पी. दूबे ने विभिन्न कृषि वानिकी पद्धतियों को अपनाने की बात कही जिसमें जलग्रस्त भूमियों में पापुलर, बांस, हाइड्रो आदि की खेती का सुझाव दिया जिससे किसान आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ के डा. ए0पी0 द्विवेदी ने गन्ने की विभिन्न प्रजातियों का वर्णन करते हुए बताया कि खोईया 'राख' को खेतों में डालकर खेत की उर्वरकता बढायी जा सकती है।
आसाम के डा. पुलकाभा चैधरी ने कहा कि पराली जाने से प्रदूषण काफी फैलता है जिसे गोबर के साथ मिलाकर आर्गेनिक फर्टीलाईजर तैयार किया जा सकता है और खेत की उर्वरकता बढ़ायी जा सकती है।  
आयोजन सचिव डा. रामचन्द्र ने तीन एम के द्वारा किसानों की समस्या के समाधान की बात कही जिसमें उन्होंने बताया कि मजदूर, मानसून, मूल्य के बिना किसान की आर्थिक स्थिति में सुधार